ज्ञानवापी तहखाने की दीवारों और खंभों को पहले गंगाजल से धोया फिर शुद्धिकरण के बाद शुरू हुई पूजा

ज्ञानवापी तहखाने की दीवारों और खंभों को पहले गंगाजल से धोया फिर शुद्धिकरण के बाद शुरू हुई पूजा

,,,,व्यासजी के तहखाने में भारी सुरक्षा के बीच आम नागरिकों ने भी किया पूजन अर्चन,,,,

,,,,,तड़के पूजन और आरती के बाद 12 बजे दोपहर में भी की गई पूजा,,,


ज्ञानवापी तहखाने की दीवारों और खंभों को पहले गंगाजल से धोया फिर शुद्धिकरण के बाद शुरू हुई पूजा
By -TvIndian News
ब्यूरो रिपोर्ट 
वाराणसी

 ज्ञानवापी परिसर में तहखाने की दीवारों और खंभों को पहले गंगाजल से धोया गया फिर शुद्धिकरण के बाद पूजा शुरू हुई। गुरुवार तड़के पूजन और आरती व्यासजी के तहखाने में हुयी इसके बाद 12 बजे भी पूजा की गई। व्यासजी के तहखाने का गेट शाम चार बजे पूजा के लिए अधिकारियों की देखरेख में कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया। इस दौरान कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में संत समाज के साथ ही हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं व मौजूद आम लोगों ने भी दर्शन- पूजन किया, लोग काफी प्रसन्नचित्त दिखे।
आपको बता दें कि व्यासजी के तहखाने में 30 साल एक महीने के बाद पुनः बुधवार की मध्यरात्रि से पूजा आरंभ हो गई। व्यास परिवार के साथ ही मंदिर के सेवादारों ने तहखाने की दीवारों और खंभों को पहले गंगाजल से धोया। इसके बाद 45 मिनट तक विधि-विधान से पूजा की गई। तहखाने में भगवान गणेश, विष्णु, शिवलिंग और बजरंगबली हनुमान जी के विग्रह के साथ नियमित रामशिला का भी पूजन अर्चन होगा।
गुरुवार को भोर में बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के साथ ही व्यासजी के तहखाने में भी मंगला आरती हुई। मूर्तियों को नैवेद्य और शिवलिंग को दूध अर्पित किया गया। पूजा होने के बाद प्रसाद वितरण हुआ। 12:30 बजे से आरंभ हुई और 1:25 बजे तक पूर्ण हुई। भोर में तहखाने में 3:30 बजे पहली मंगला आरती पुजारी ओमप्रकाश मिश्र ने की। इसके बाद विग्रहों की आरती दोपहर 12 बजे, अपराह्न शाम चार बजे, शाम को सात बजे और रात्रि में 10:30 बजे शयन आरती हुई।
ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में श्रद्धालु बाहर से दर्शन-पूजन करते रहे। इस दौरान श्रद्धालुओं की खुशी देखने लायक रही। ज्ञानवापी परिसर में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती भी पहुंचे, उन्होंने व्यासजी के तहखाने में पूजा अर्चना शुरू होने पर प्रसन्नता जताई।

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद के एक तहखाने में पूजा करने के वाराणसी अदालत के आदेश के खिलाफ देर रात सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

ज्ञानवापी मस्जिद की कानूनी टीम के अधिवक्ता फुजैल अय्यूबी, निज़ाम पाशा और आकांशा कानूनी टीम में शामिल रहे, इस कानूनी टीम ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से गुरुवार सुबह 3 बजे संपर्क किया। वाराणसी कोर्ट के आदेश पर मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाने का अनुरोध किया जिससे मुस्लिम पक्ष कानूनी उपाय की तलाश कर सके। पूरे मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार सुबह तीन बजे रजिस्ट्रार से लगभग एक घंटे बातचीत की।
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुबह 4 बजे भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सामने मुस्लिम पक्ष के कानूनी टीम द्वारा पेश किए गए दस्तावेज रखे। सीजेआई ने सुबह-सुबह कागजात देखने के बाद मुस्लिम पक्ष से किसी भी तरह की राहत के लिए मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश करने को कहा।
ब्यूरो रिपोर्ट टीवी इंडियन न्यूज़ वाराणसी

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