पत्नी को ट्रांसजेंडर बताकर कोर्ट से मांगा तलाक, कहा-शादी के बाद से छूने नहीं देती

 

पत्नी को ट्रांसजेंडर बताकर कोर्ट से मांगा तलाक, कहा-शादी के बाद से छूने नहीं देती

कानपुर। 


उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। जी हां एक युवक ने पत्नी को ट्रांसजेंडर बताकर कोर्ट में तलाक की गुहार लगाई है। याचिका में कहा है कि शादी के बाद से पत्नी उसे छूने नहीं देती। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला की जांच के लिए 5 डॉक्टरों के पैनल से कराने आदेश दिया है।

शास्त्री नगर निवासी एक व्यक्ति ने फैमिली कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इसमें उसने कहा कि मेरी शादी 2 साल पहले यानी 27 अप्रैल 2021 को हुई थी। शादी के बाद से पत्नी मुझे अपने पास नहीं आने देती थी। इसके बाद हमने कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। युवक ने पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपी है। उसका आरोप है कि पत्नी ने शादी के बाद बताया था कि उसकी शादी की इच्छा नहीं थी। वह अपने में पूर्ण थी। पति ने तीन-चार दिन उसकी बात सुनी और फिर अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी। पत्नी का मेडिकल परीक्षण डॉ. नीना गुप्ता से कराया गया तो महिला के अंग पूर्ण नहीं निकले।

पति ने आरोप लगाया कि पत्नी ट्रांसजेंडर है। इसे लेकर पति ने 18 जून 2021 को काकादेव थाने में पत्नी, साले, ससुर, सास, दो सालियों और शादी में मध्यस्थता कराने वाले के खिलाफ धोखाधड़ी और जबरन वसूली करने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी थी। पति का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में ठीक से विवेचना नहीं की और फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इसमें मेडिकल रिपोर्ट को शामिल नहीं किया।

25 अगस्त को फैमिली कोर्ट की अपर प्रधान न्यायाधीश शगुन पंवार ने याचिका पर सुनवाई की। इसके बाद सीएमओ को पत्र लिखा। कोर्ट ने यह जानकारी मांगी है कि चिकित्सा पद्धति के अनुसार, स्त्री के स्त्रीत्व के लिए किन-किन लक्षणों की शारीरिक संरचना में आवश्यकता होती है। क्या प्रस्तुत वाद की प्रतिवादिनी संबंधित में स्त्रीत्व के लिए शारीरिक संरचना में सभी लक्षण हैं…? यदि नहीं तो कौन-कौन से हैं और उसका क्या प्रभाव है।

इसके साथ ही कोर्ट ने CMO को आदेश दिया है कि 5 एक्सपर्ट डॉक्टर का पैनल बनाकर महिला की जांच कराई जाए। कोर्ट के आदेश पर सीएमओ ने 5 सितंबर को जांच कमेटी गठित की। इसमें कांशीराम हॉस्पिटल की डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ. नवनीत दुबे, डॉ. सोनल जैन, डीजीओ एएचएम चिकित्सालय डॉ. आशा देवी और उर्सला की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता सिंह शामिल हैं। सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने कहा कि कोर्ट के आदेश प्राप्त होने के बाद पैनल गठित कर दिया गया है महिला की जांच की जा रही है। 15 सितंबर तक बंद लिफाफे में कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।

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